योगी सरकार ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी मौत मामले की जांच CBI से कराने की अनुशंसा की
✍️ बृजेश कुमार शर्मा
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले की जांच CBI से कराने की सिफारिश की है। महंत नरेंद्र गिरि का शव सोमवार को प्रयागराज स्थित बाघंबरी मठ में पंखे से लटका मिला था। उनके पास से एक सुसाइड नोट भी मिला था। जिसमें उन्होंने अपने शिष्य समेत तीन लोगों पर परेशान करने का आऱोप लगाया था। तीनों लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है। मामले की जांच फिलहाल 18 सदस्यीय एसआईटी कर रही थी।
महंत नरेंद्र गिरि के निधन से पूरा संत समाज मर्माहत है। नरेंद्र गिरि को जानने वाले सभी संत आत्महत्या को नकार रहे थे। संत समाज लगातार इसे हत्या कहते हुए सीबीआई या न्यायिक अधिकारियों से जांच की मांग कर रहा था। संतों का कहना था कि नरेंद्र गिरि आत्महत्या नहीं कर सकते हैं। महंत की मौत के पीछे का सच सामने आना चाहिए। यह सच तभी सामने आ सकता है जब उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।महंत की मौत ने राजनीतिक रंग भी लेना शुरू कर दिया था। सपा-कांग्रेस समेत तमाम दलों ने भी सीबीआई जांच की मांग की थी। यहां तक कि भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने भी सुसाइड नोट पर सवाल खड़े किये थे। उन्होंने कहा था कि जो व्यक्ति हस्ताक्षर करने में काफी समय लगाता था, वह इतना बड़ा सुसाइड नोट लिख ही नहीं सकता है। सरकार भी इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाना चाहती है। माना जा रहा है कि इसलिए ही सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है।