Yaas चक्रवात के कारण हुई बारिश से राज्य के किसान हुए पस्त, आने वाले दिनों में सब्जियों की होगी दिक्कत

0
Jharkhand Aaj Kal Image 4

चक्रवाती तूफान यास और लॉकडाउन दोनों की मार किसानों के ऊपर एक साथ आन पड़ी है, जो उनके लिए आर्थिक तंगी लेकर आई है। लॉकडाउन में किसानों के फसल की बिक्री में गिरावट तो आई ही थी, साथ में अब चक्रवात के कारण हुई लगातार बारिश के पानी जमा होने से उनकी लगी सब्जियों की फसल भी खराब हो गई है। लत वाले पौधे जैसे कद्दू, खीरा, नेनुआ, करेला और छोटे पौधे जैसे टमाटर, मिर्च, बैंगन, भिंडी, बीन्स, गोभी, आदि सब खेत में पानी लबालब भरे होने से खराब हो गए है या खराब हो जाएंगे। राज्य के कई जिलों के किसान पहले ही सब्जियों के बिक्री नही होने से परेशान थे। गाड़ियों के आवागमन कम होने से उनकी सब्जियां दूर दराज के इलाकों में नही जा पा रही, जिस से उनके समक्ष आर्थिक तंगी उत्पन्न हो चुकी है।

उदाहरण के तौर पर हम बात करें तो पाकुड़ जिले में मूसलाधार बारिश से परगला नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण नदी के किनारे दर्जनों किसान जो खेती करते थे उनकी सारी फसल खराब हो गई है।

उसी तरह सरायकेला के गम्हरिया प्रखंड के अंतर्गत सापड़ा गांव में “यास” तूफान के कारण सभी किसानो का फसल जलमग्न हो जाने के कारण फसल पूरी तरह से नष्ट हो गया है,जो कि यहाँ के किसानो का आय का एक मात्र जरिया था। वहां के किसानों ने राहत के लिए भी लिखा है।

पूर्वी सिंहभूम मे भी यही रोना है किसानों का, यहां यास तुफान के कारण नदी का जलस्तर बढ़ने से गोपालपुर बगान के किसानों के खेतों में लगी हुई फसल बर्बाद हो गई है।

एक ओर जहां मॉनसून से पहले भारी बारिश होने से नगरीय क्षेत्र के लोग राहत महसूस कर रहे हैं कि तापमान में गिरावट के साथ भूमिगत जल का स्तर बढ़ा है, आने वाले दिनों में पेयजल की दिक्कत थोड़ा कम होगी पर ग्रामीण क्षेत्रों में यह बारिश आफत लेकर आ गई है पिछले 1 महीने से ज्यादा समय से लॉक डाउन होने से किसान पहले से ही त्रस्त थे, अब यास चक्रवात उन्हें पस्त कर चला गया। किसान अब स्थानीय जनप्रतिनिधियों और कृषि विभाग की आशा में हैं कि जल्द विभाग तूफान से हुए कृषि क्षेत्र में नुकसान का जायजा ले और यथासंभव उन्हें राहत और मदद पहुंचाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

आप पसंद करेंगे