गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की एमबीए डिग्री पर एक बार फिर सवाल उठाया तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने
तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा ने एकबार फिर गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की एमबीए डिग्री पर सवाल उठाए है। उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट कर उनके डिग्री को फर्जी बताया है। उन्होंने लिखा है कि दुबे ने 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव के एफिडेविट में लिखा था कि उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से 1993 में पार्ट टाइम एमबीए किया है। दूसरी ओर दिल्ली विश्वविद्यालय ने आरटीआई के जवाब में 27.08.2020 को बताया कि निशिकांत दुबे के नाम से कोई भी 1993 में एडमिशन या पास आउट नही हुआ।
इसके बाद 2019 लोकसभा चुनाव के समय निशिकांत दुबे ने इस डिग्री का जिक्र ही नही किया और सिर्फ पीएचडी की डिग्री का जिक्र किया जिसे उन्होंने प्रताप यूनिवर्सिटी, राजस्थान से 2018 में किया दिखाया है। महुआ ने आगे लिखा है कि “वैध मास्टर डिग्री के बिना कोई भी यूजीसी डीम्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी नहीं कर सकता है।
आगे महुआ ने लिखा कि प्रताप यूनिवर्सिटी को अपने पीएचडी आवेदन में माननीय सदस्य ने डीयू एमबीए की डिग्री का कोई उल्लेख ही नहीं किया और करते हैं चमत्कारिक रूप से 2013-15 से ही प्रताप यूनिवर्सिटी से एक और एमबीए डिग्री प्राप्त की। इससे स्पष्ट है कि उन्हें एमबीए की डिग्री इकट्ठा करना पसंद है, कौन जाने कब कौन सा काम कर जाए ?
आगे तृणमूल सांसद ने लिखा है कि पूर्णकालिक एमबीए 2013-15 के लिए प्रताप यूनिवर्सिटी में माननीय सदस्य की उपस्थिति रिकॉर्ड देखने के लिए बहुत उत्सुक हूं, क्योंकि वह तब पूर्णकालिक सांसद थे और लोकसभा उपस्थिति और निर्वाचन क्षेत्र के दौरे के साथ मेल खाते थे। दूसरी ओर प्रताप यूनिवर्सिटी ने एमबीए ट्रांसक्रिप्ट मे “cumulative” गलत तरीके से लिखा है, इसलिए यह नहीं पता कि यह कितना वास्तविक है।
वहीं गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने भी इस डिग्री विवाद पर ट्वीट किए है, पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि तथाकथित RTI करने वाले ने विश्वविद्यालय से सूचना नहीं माँगी, जिस पते पर तथाकथित पत्र गया वह पता नहीं, दिल्ली विश्वविद्यालय RTI का जबाब नहीं देती।
गोड्डा सांसद दुबे ने एक और ट्वीट कर निर्वाचन आयोग और सुप्रीम कोर्ट के कुछ आदेश शेयर करते हुए लिखा है कि इन्होंने मेरे डिग्री को वैध माना है। इसके साथ ही उन्होंने तृणमूल सांसद की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह आदेश आपलोगो को आगरा भेजने का सर्टिफिकेट भी है । आप सभी घटिया मानसिकता के साथ जीते रहिए।
इस प्रकार आज शुक्रवार को सुबह से ही सोशल मीडिया में फर्जी डिग्री का मामला एक बार तूल पकड़े हुए है।