हाईकोर्ट के बाद राज्य सरकार की अपील सुप्रीम कोर्ट में भी हुई खारिज। देवघर के एलकेसी धाम जमीन मामले में देवघर प्रशासन द्वारा सांसद की पत्नी अनामिका गौतम और सांसद निशिकांत दुबे पर टाउन थाने में एफआइआर दर्ज करायी थी, और कहा था कि एलकेसी धाम की जमीन की खरीद गलत तरीके से हुई है और बाद में देवघर डीसी ने उक्त जमीन का निबंधन भी रद्द कर दिया था। पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी।
अनामिका गौतम को इससे पहले झारखंड हाई कोर्ट ने अंतरिम राहत देते हुए उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की जांच पर रोक लगा दी थी।
अब आज सर्वोच्च न्यायालय का फ़ैसला आया,
गोड्डा सांसद के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन सरकार द्वारा SIT गठन व उसके रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य सरकार जानबूझ कर सांसद और उनके परिवार को परेशान करने के लिए झूठा केस कर रही और उन्हे बदनाम कर रही।
इस फैसले पर सांसद ने ट्वीट कर कहा कि
इस फैसले के बाद गोड्डा सांसद सहित राज्य के अन्य भाजपा नेता राज्य सरकार के विरुद्ध बयानबाजी कर रहे।
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