पानी, बिजली, सड़क, शिक्षा, चिकित्सा, लॉ एंड ऑर्डर हेमंत सरकार सभी मोर्चों पर विफल। पिछले दो साल, झूठ एवं लूट की सरकार : दीपक प्रकाश
झारखंड सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर भाजपा द्वारा प्रदेश कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश जी और विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी जी के द्वारा संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता कर आरोप पत्र जारी किया गया।
दीपक प्रकाश ने मौके पर कहा कि किसी भी राज्य में विकास की कई अवधारणाएं होती है। पानी, बिजली, सड़क, शिक्षा, चिकित्सा, लॉ एंड ऑर्डर यह सरकार सभी मोर्चों पर विफल साबित हुई है। इस सरकार ने लोगों को मुंगेरीलाल के हसीन सपने दिखाकर दिग्भ्रमित कर सत्ता प्राप्त किया। राज्य सरकार के पास कोई भी ठोस प्रस्ताव लेकर व केंद्र के पास कभी नहीं की केंद्र सरकार ने सभी राज्यों में सड़कों का नेटवर्क खड़ा करने का काम किया। गडकरी जी के आग्रह पर भी राज्य सरकार द्वारा सड़क निर्माण को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया । केंद्र से पैसे आने के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क बनाने में राज्य सरकार विफल साबित हुई है। पूरे देश में गरीबी के मामले में कुपोषण के मामले में झारखंड राज्य पिछड़ा बन चुका है। जहां तक बिजली का सवाल है। डीवीसी के पाले में गेंद फेंक कर राज्य सरकार अपना दामन नहीं बचा सकती है। डीवीसी झारखंड के अलावा बंगाल, छत्तीसगढ़ को भी देती है। वहां के सरकार डीवीसी का पैसा समय पर भुगतान कर देती है। वहां तो इसी कारण कोई व्यवधान नहीं होता। फिर झारखंड में ही ऐसा क्यों। यह पूरी तरह सरकार की विफलता है। ट्रांसफर पोस्टिंग में लूट। संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ काम करने वाली सरकार हैं।
पेट्रोल और डीजल पर वैट कम नहीं करना झारखंड सरकार का जन विरोधी निर्णय हैं। कोरोना को लेकर भी झारखंड सरकार तनिक भी गंभीर नहीं है। आई क्रोम को टेस्ट करने वाली मशीन की खरीदारी अभी तक झारखंड सरकार द्वारा नहीं किया जाना बड़ी लापरवाही है। कई राज्यों ने जहां 100% वैक्सीनेशन का काम पूरा कर लिया है वहीं झारखंड में 50% होना सरकार की विफलता है। भाजपा के कार्यकर्ताओं ने सड़क से लेकर सदन तक सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध किया है। इस कारण 336 भाजपा कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमा भी दर्ज किया गया है। हम संघर्ष करने वाले लोग हैं। संघर्ष और तेज होगा। पार्टी ने तय किया है कि 27 दिसंबर को राज्य के सभी जिलों में व्यापक रूप से धरना प्रदर्शन के साथ हवन का कार्यक्रम कर राज्य सरकार को कुंभकर्णी नींद से जगाने का काम किया जाएगा। एक एक ज्वलंत मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होगी। वहीं आगामी 29 दिसंबर को पार्टी के सभी कार्यकर्ता और नेता फेसबुक लाइव आकर झारखंड सरकार की जनविरोधी चेहरे को पूरी तरह बेनकाब करने का काम करेंगे।
हेमंत सरकार के दो साल, झारखंड बेहाल : बाबूलाल मरांडी
झारखंड सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी जी ने सरकार को सभी मोर्चे पर पूरी तरह विफल बताया है। उन्होंने कहा है कि किसी भी सरकार से जनता को सबसे पहले कानून व्यवस्था दुरुस्त रहने काफी उम्मीदें होती हैं। ताकि जनता शांतिपूर्वक और भयमुक्त होकर जीवन यापन कर सके। लेकिन झारखंड प्रदेश में इन 2 वर्षों में कोई वर्ग सुरक्षित नहीं है। अपराध में लगातार बढ़ोतरी हुई है। इसका प्रमुख कारण जिसके जिम्मे पूरी कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने की जिम्मेवारी है उस पुलिस महकमे को सरकार ने वसूली अभियान में लगा रखा है और उसे औजार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। लॉ एंड ऑर्डर ध्वस्त होने का यह एक प्रमुख कारण है। सरकार गठन से लेकर अब तक 3451 हत्याएं और 3154 दुष्कर्म की घटनाएं घटित होना, हेमंत राज की सारी हकीकत बयां करने के लिए पर्याप्त है। दो वर्षों में कुल 1,14,000 कुल क्राइम हुआ है। अपराध पर कोई काबू नहीं है। व्यापारियों से टेलीफोन पर मैसेज कर रंगदारी मांगी जा रही है। राजधानी में अपराधी और नक्सली हावी हैं। पुलिस लोगों को खुद बखुद अपराधियों से ले देकर मामले को सलटा लेने को कह रही है, अब आप समझिए कि राज्य की क्या स्थिति है। लोग हताश और निराश है। अब तो यह स्थिति है कि लोग पुलिस को कोई घटना बताना तक मुनासिब नहीं समझते। राज्य में विकास का काम पूरी तरह ठप है। सड़क का कोई निर्माण नहीं। कोई योजना धरातल पर नहीं। राज्य सरकार पैसा का रोना रोती रहती है। राज्य k पैसे की बात तो छोड़िए केंद्र का पैसा खर्च करने में सरकार विफल साबित हुई है। दिसंबर तक बजट का मात्र लगभग 35% खर्च होना, झारखंड सरकार की इच्छाशक्ति को बताने के लिए काफी है। कई महत्वपूर्ण क्षेत्र में मात्र 10% ही खर्च हुआ है। गांव में विकास को लेकर सरकार पूरी तरह उदासीन रही है। भारत सरकार की योजना नल से जल योजना में महज 24 फ़ीसदी पैसा खर्च हुआ है। स्वास्थ्य का हाल तो बुरा है ही। सरकार के पास विकास का कोई प्रारूप और कोई प्राथमिकता तक नहीं है। किसानों के साथ सरकार ने पूरी तरह छल करने का काम किया है किसानों को प्रति सरकार थोड़ी भी गंभीर नहीं है पूरे राज्य में 15 दिसंबर तक मात्र 17000 टन धान की खरीद हो पाई है जबकि लक्ष्य 8 लाख टन की खरीदारी का था। किसानों को राज्य सरकार के कु प्रबंधन के कारण किसानों को औने पौने दाम पर बिचौलियों को धान बेचने के लिए विवश हैं। जेपीएससी में घोटाला की बात पूरी तरह सिद्ध हो चुकी है। जब नौजवानों ने दस्तावेज प्रस्तुत किया था 49 लोगों का रिजल्ट रद्द किया गया। ओएमआर शीट जारी नहीं की गई। विधानसभा सत्र के दौरान हुई हमारी पार्टी इस पर चर्चा चाहती थी परंतु सरकार भागती रही। जेपीसी मामले की जांच सीबीआई से कराने और जेपीएससी चेयरमैन को बर्खास्त करने की मांग हम पुन: दुहराते हैं। यह सरकार कितनी विचित्र है जहां कोई शिकायत नहीं है वहां का एग्जाम रद्द कर रही है और जहां शिकायत है वहां कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। कई लोगों को केवल नियुक्ति पत्र देना है, कोर्ट का आदेश तक है परंतु राज्य सरकार चुप्पी साधे हुए है। ऐसा प्रतीत होता है कि कहीं सरकार वसूली के लिए तो मामलों को तो नहीं लटका कर रखी हुई है। मनरेगा का हाल प्रदेश में बुरा है।
राज्य सरकार तुष्टीकरण की राजनीति में पूरी तरह लीन है। नमाज कक्ष आवंटित करना उसका बड़ा उदाहरण है। सड़क से लेकर सदन तक पार्टी ने पुरजोर आंदोलन किया। कार्यकर्ताओं पर मुकदमा तक हुआ। सरकार मामले को 45 दिन में पटाक्षेप करने का वादा कर अभी तक चुप्पी साधे हुई है। यह सब केवल मुस्लिम समुदाय को खुश करने के लिए किया गया। तुष्टिकरण का एक और नायब उदाहरण 5 मार्च 2021 को सरकार के द्वारा जारी एक संकल्प से समझा जा सकता है। एसटी, एससी और ओबीसी के छात्रों को साइकिल के लिए आवेदन के साथ ऑनलाइन निर्गत जाति प्रमाण पत्र देना था। वही मुस्लिम के बच्चे के लिए स्वघोषित ही जाति प्रमाण पत्र पत्र देने का संकल्प जारी किया गया। यह तुष्टीकरण की पराकाष्ठा नहीं तो और क्या है। हर मामले में सरकार कमाई और लूट का अवसर ढूंढती है। बालू, खनिज, कोयला, पत्थर में लूट मची है। सरकार कफन बांटती है और खून चूस रही है। खून पर भी लोगों से पैसे वसूल रही है। दिसंबर माह का 5kg अनाज का घपला किया गया। सरकार धोती, साड़ी, लूंगी बांटकर अपनी पीठ थपथपा रही है परंतु इस योजना में कमीशन खोरी का बड़ा खेल खेला जा रहा है। निम्न स्तर का साड़ी धोती देखकर सरकार इसमें एक बड़ा कमीशन ले रही है। हर तरफ लूट ही लूट मची है। जब डीबीटी के माध्यम से सीधे लाभुक के खाते में पैसे भेजने की व्यवस्था है तो फिर खरीद कर चीजों को बांटने की जरूरत क्या है।स्पष्ट है यह सारा खेल कमीशन खोरी के लिए किया जाता है।
आरोप पत्र जारी करने के दौरान प्रदीप वर्मा, सुबोध सिंह गुड्डू, सरोज सिंह, योगेंद्र प्रताप सिंह, राहुल अवस्थी आदि भी मौजूद थे।