शिवसेना ने की प. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की तारीफ, कहा:- पेगासस जासूसी कांड की जांच का फैसला साहसिक कदम है
✍️ Zahid Jagirdar
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी हाल मे दिल्ली दौरे पर थी, इस दौरान वो पीएम मोदी, नितिन गडकरी, कांग्रेस की सोनिया गांधी, राहुल गांधी सहित कई अन्य नेताओं संग मिली।
बताया जा रहा कि 2024 चुनावों को लेकर विपक्ष को एकजुट करने के प्रयास में जुट गई है, इसी सिलसिले में वो विपक्षी दलों के कई नेताओं के साथ मुलाकात की।
ममता बनर्जी के दिल्ली दौरे से ठीक पहले खबर सामने आई कि उन्होंने पेगासस जासूसी मामले में एक बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने इस मामले की जांच के लिए 2 सदस्य पैनल का गठन किया है, जिसमे दो रिटायर्ड जज शामिल होंगे।
ममता बनर्जी ने इस संदर्भ में कहा है कि पेगासस के जरिए से न्यायपालिका और देश के जनता की जासूसी करवाई गई है। ये देश की जनता का अपमान है,
मुझे उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में दखलअंदाजी कर जांच के आदेश देगा। लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है।
इसलिए हमने इस पैनल का गठन किया है। जो कि देश के नेताओं, कार्यकर्ताओं, पत्रकारों की अवैध हैकिंग, मोबाइल फोन टैपिंग की निगरानी करेंगे।
ममता बनर्जी के इस फैसले का शिवसेना द्वारा भी समर्थन किया गया है। शिवसेना ने इस संदर्भ में अपने मुखपत्र सामना में ममता बनर्जी की तारीफ मे कासिदे और मोदी सरकार की आलोचना की है।
वाचा दै. सामनाचा आजचा अग्रलेखhttps://t.co/6PCPnYoUkL
— Saamana (@SaamanaOnline) July 29, 2021
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा है कि पेगासस के जरिए देश के कई मंत्रियों, न्यायाधीशों और पत्रकारों की जासूसी करवाई गई है। इसे मोदी सरकार द्वारा गंभीर ना मानना अपने आप में ही एक रहस्यमई बात है।
शिवसेना का कहना है कि ममता बनर्जी ने पेगासस मामले की जांच का फैसला लेकर एक साहसी कदम उठाया है। ये फैसला केंद्र सरकार द्वारा लिया जाना चाहिए था।
हर मुख्यमंत्री का दायित्व होता है कि वह अपने राज्य के नागरिकों के अधिकारों और उनकी स्वतंत्रता की रक्षा करें। ममता बनर्जी ने ये फैसला लेकर देश के अन्य राज्य की सरकारों को भी जगाने का काम किया है।
शिवसेना ने मोदी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा है कि अगर फ्रांस सरकार जांच कर सकती है तो भारत सरकार क्यों नहीं। बता दें, फ्रांस सरकार द्वारा पेगासस मामले में जांच शुरू की जा चुकी है।