सहस्राब्दियों से भारतवर्ष की पवित्र भूमि को अनेक महान् दिव्य आत्माओं के चरणों के स्पर्श से पावन होने का सुअवसर…
“छोटी माँ, तुम्हारा पुत्र एक योगी बनेगा। एक आध्यात्मिक इंजन की भांति वह अनेक आत्माओं को ईश्वर के साम्राज्य तक…
सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज। अहं त्वां सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुच:।।[अन्य सभी धर्मों (कर्तव्यों) का त्याग करके मात्र मेरी ही शरण…
ऐसा कहा जाता है कि एक अवतार सर्वव्यापक ब्रह्म में निवास करता है। वह देश-काल के सातत्य से परे होता…