सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज। अहं त्वां सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुच:।।[अन्य सभी धर्मों (कर्तव्यों) का त्याग करके मात्र मेरी ही शरण…