बाघमारा के भाजपा विधायक, कोयलांचल के युवाओं के चहेते, गरीबों की आवाज के नाम से जाने जाने वाले ढुल्लू महतो अब लड़ेंगे लोकसभा चुनाव।
भाजपा ने उन्हें धनबाद से बनाया है उम्मीदवार…. बाघमारा विधानसभा हालांकि गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में आता है पर विधायक ढुल्लू महतो गिरिडीह लोकसभा सहित धनबाद लोकसभा क्षेत्र में भी काफी लोकप्रिय नेता माने जाते हैं। भाजपा ने इस बार उम्र दराज पशुपति नाथ सिंह पर भरोसा नहीं जताया। काफी रोचक था यहां से ढुलू महतो को टिकट मिलना, कई कयास लगाए जा रहे थे,कभी परिंदा सिंह का नाम उठा, तो कभी राज सिन्हा तो कभी कांग्रेस की झरिया से विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह का भी नाम उछला कि वो पार्टी बदलेंगी और लड़ेंगी धनबाद से लोकसभा चुनाव, पर सब जोड़ तोड़, गुना भाग हुआ धराशाई, और बाजी मार गए ढुलू महतो।
ढुलू मूल रूप से टुंडू पंचायत के चिटाही ग्राम के है और उनके पिता बीसीसीएल में कर्मचारी थे, ढुलू को भी जमीन अधिग्रहण में बीसीसीएल में नौकरी मिली पर राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले ढुलू ज्यादा दिन नौकरी नहीं किए। उनके राजनीतिक गुरु समरेश सिंह माने जाते है। वो पूर्व मंत्री और विधायक समरेश सिंह के साथ झारखंड वनाचल कांग्रेस से जुड़े, फिर बाबूलाल मरांडी के पार्टी जेवीएम से भी जुड़े। जेवीएम के टिकट पर ही वो 2009 में बाघमारा विधानसभा से जीते। बाद में वो मरांडी की पार्टी छोड़ भाजपा ज्वाइन किया और फिर 2014 और 2019 के चुनाव काफी नजदीकी मुकाबले में जीत विधानसभा पहुंचे। वो बेहद सक्रिय रहते है और खेलकूद से भी काफी लगाव रखते है। उनकी शिक्षा की बात करे तो उन्होंने बारहवी तक पढ़ाई की है। उनके हलफनामे के अनुसार 2014 में 10 केस थे, पर 2019 में वो घटकर 4 हो गए है। वहीं 2014 में उनके पास करीब 1 करोड़ से कुछ ज्यादा संपति थी, जो 2019 में बढ़कर 3 करोड़ के आसपास पहुंची।
ढुलू को पूजा पाठ से भी काफी लगाव है और वो लगातार भारत के विभिन्न पूजा स्थलों के दौरे करते भी नजर आते है। उन्होंने अपने पैतृक गांव चिटाही धाम में ही भव्य श्री राम मंदिर का निर्माण करवाया है जो एक सांस्कृतिक पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाने लगा है। हर दिन यहां हजारों की संख्या में लोग दर्शन करने आते है।
बाघमारा विधानसभा के विकास कार्य की बात करे तो दर्जनों मंदिर के अलावा कई नई सड़को का निर्माण, ट्रेनों का ठहराव, जन समस्याओं के समाधान, के साथ हाल में एक स्टेडियम के निर्माण के लिए उन्होंने राज्य सरकार से डिमांड की थी जिसे स्वीकृति मिल गई है।
उन्होंने फ्री पनी के टैंकर, अंतिम क्रिया के लिए फ्री में गाड़ी, गरीबों की शादी में अनाज और अन्य मदद की सुविधा बहुत पहले से अपने क्षेत्र में चला रखी है।
पर विधानसभा से निकल लोकसभा चुनाव क्या ढुलू महतो के लिए आसान होगा ? धनबाद जहां ज्यादातर स्वर्ण लोगो को तरजीह दी जाती रही है वहां पर वो कमाल दिखा पाएंगे?
धनबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में निम्नलिखित छह विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं: धनबाद, चंदनकियारी, झरिया, सिंदरी, निरसा और बोकारो। जिसमे सिर्फ झरिया को छोड़ सभी जगह से भाजपा के ही विधायक है, जिससे यह उम्मीद है कि उन्हें यहां से जीतने में मदद मिलेगी। पर धनबाद, झरिया, सिंदरी और बोकारो ये क्षेत्र में बाहरी अर्थात बिहारी यूपी के लोगो का थोड़ा संख्या ज्यादा है, क्या वो उन्हे वोट देंगे ? मोदी जी का बैक अप, मरांडी जी का गाइडेंस और सभी विधायकों का सपोर्ट इनकी नैया पार लगाएगी ? आपको क्या लगता है भाजपा ने धनबाद से एक सही उम्मीदवार को चुना है?
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