आदिवासियों की हित की बात करने वाली सरकार में शहीद गणेश हांसदा के पिता को वृद्धावस्था पेंशन के लिए जूझना पड़ रहा तो नौकरी और जमीन तो इस सरकार में दूर की बात: कुणाल षाडंगी
पिछले वर्ष 15 जून को देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले बहरागोड़ा के शहीद गणेश हांसदा के सम्मान और परिजनो के सहायता के लिए राज्य सरकार ने कई वादे किए पर साल भर में भी कुछ धरातल पर नही उतरा। बातें थी लेकिन इरादें ही नही थे। एक ओर पूरा देश गलवान के शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहा, पर यहां तो शहीद के सम्मान की बात कर ही भूल गई सरकार। राज्य सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधि के द्वारा शहीद परिवार के प्रति उदासीनता से क्षुब्ध भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाडंगी ने आज कहा कि उम्मीद थी कि शहीदों की बात करने वाली, आदिवासियों की हित की बात करने वाली सरकार शहीद गणेश हांसदा को उचित सम्मान देगी, पर अत्यंत दुखद है कि शहीद के पिता को वृद्धावस्था पेंशन तक के लिए जूझना पड़ रहा, गैस का कनेक्शन नसीब नही, तो सरकारी नौकरी, और जमीन तो इस सरकार में दूर की बात ही है।
आज बहरागोड़ा के कोसाफालिया गांव में शहीद गणेश हांसदा के प्रथम पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने के बाद भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाडंगी ने उक्त बातें कही और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह किया कि अविलंब शहीद गणेश हांसदा जी के परिवार को सारी मौलिक आवश्यकताएं पूरी की जाएं।