माली में फंसे झारखंड के गिरिडीह और हजारीबाग जिलों के रहने वाले 33 मजदूरों ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने वतन वापसी की गुहार लगाई थी जिसे प्रमुख दैनिक अखबारों ने छापा था। उन मजदूरों ने वीडियो के माध्यम से बताया है कि वह जिस कंपनी में काम कर रहे हैं वहां पिछले 3 महीने से वेतन नहीं मिल रहा, खाने पीने के लाले पड़ गए हैं, ऐसे में किसी प्रकार भारत वापस भेजा जाए।
सोशल मीडिया में भी सुनील महतो नामक युवक ने प्रधानमंत्री कार्यालय सहित कई लोगों से इस मामले में इन मजदूरों के मदद करने का अनुरोध किया था जिसमें बहरागोड़ा के पूर्व विधायक एवं वर्तमान में भाजपा प्रदेश के प्रवक्ता कुणाल षाडंगी भी शामिल थे। कुणाल ने ट्वीट को संज्ञान में लेकर तुरंत विदेश मंत्री एस जयशंकर, माली और मॉरिटानिया में भारत के एंबेसेडर अंजनी सहाय, भारतीय एंबेसी एवं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची सहित कई लोगों को इन मजदूरों के सकुशल घर वापसी हेतु मदद का आग्रह किया था।
जिस पर माली और मॉरिटानिया में भारतीय एंबेसी ने जवाब दिया है की वह दोनों पक्षों, मजदूरों और उनकी कंपनी से संपर्क साध लिए हैं और उनके बीच जो भी विवाद है उसे खत्म करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया है कि उनके (मजदूरों) पास भोजन है और वे पूरी तरह सुरक्षित हैं।त्वरित हस्तक्षेप के लिए कुणाल षाडंगी ने माली और मॉरिटानिया में भारतीय एंबेसी को धन्यवाद दिया है और कहा है कि उन्होंने भी यहां मजदूरों के परिवारों को यही बताया है। यदि उनके और नियोक्ता के बीच एक सौहार्दपूर्ण समाधान निकाला जा सकता है तो यह बहुत अच्छा होगा। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाडंगी ने उम्मीद जताई है कि मजदूरों का यह मुश्किल समय जल्द ही खत्म हो जाएगा।
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