इच्छा मृत्यु मांगने वाली ब्लैक फंगस की मरीज को अब तक नही मिली सरकार से मदद, परिजन असहाय, पत्र जारी कर कहा: कुछ हुआ तो सभी लगा लेंगे रिम्स में ही फांसी

रांची: गिरिडीह की महिला उषा देवी जो ब्लैक फंगस बीमारी से पीड़ित है और पिछले डेढ़ महीनों से रांची के रिम्स अस्पताल में इलाजरत है, दिन- प्रतिदिन उनकी स्थिति खराब होती जा रही है। डॉक्टर लगातार कहते रहे ऑपरेशन होगा पर अब तक ऑपरेशन नहीं हो पाया है, इसी बीच उनकी एक आंख और एक नाक का छिद्र पूरी तरह से नष्ट हो चुका है। उनके परिजन समुचित इलाज के लिए रिम्स प्रबंधन सहित राज्य सरकार से गुहार पर गुहार लगा रहे हैं पर अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। गौरतलब हो कि ब्लैक फंगस को झारखंड में महामारी घोषित किया जा चुका है लेकिन फिर भी इसके इलाज की समुचित व्यवस्था सरकारी अस्पतालों में भी नहीं है, परिजन दवाई भी बाहर से खरीद कर ला अपने मरीज को दे रहे। रिम्स में सही से इलाज और लापरवाही को देख परिजन मरीज के इच्छा मृत्यु की भी मांग उठा चुके है।
ऐसे में अखबारों में उषा देवी सुर्खियां जरूर बन चुकी हैं पर उनका कैसे इलाज होगा? इस पर ना तो स्वास्थ्य मंत्री और ना ही मुख्यमंत्री जी ही कुछ बोल रहे। आज मरीज महिला के परिजनो ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने की कोशिश की पर नही मिल पाए, किसी प्रकार उनके पीए से मिले, जिन्होने कहा कि मरीज को एयरलिफ्ट कराने के लिए सरकार के पास कोई फंड नहीं है।
इस महिला के इलाज को लेकर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाडंगी ने भी कोशिश की थी, उन्होंने ट्वीट के माध्यम से मुख्यमंत्री समेत देश के उद्योगपतियों और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से भी मदद मांगी पर अब तक कोई इस पर खास प्रगति होती नही दिखाई दे रही।
आज जब मरीज के परिजन मुख्यमंत्री आवास के बाहर उनसे मिलने को इंतजार कर रहे थे, उस समय भी उन्होंने व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि
मुख्यमंत्री आवास के बाहर हेमंत सोरेन जी से मिलने के इंतजार में उषा देवी के बच्चे। क्या विभागीय व्यवस्था इतनी असहाय हो चुकी है?
मुख्यमंत्री जी एक महिला जो सरकार द्वारा घोषित महामारी #BlackFungus से पीड़ित है उसे स्वस्थ करने में मदद की जाए।
इस विषय पर अब तक झारखंड सरकार चुप्पी साधे हुए है।
वहीं आज मुख्यमंत्री के पीए से कोई सकारात्मक जवाब नही मिलने पर महिला मरीज के बच्चे काफी विचलित हो गए है और उन्होंने पत्र जारी कर कहा है कि अगर मेरी मां को कुछ होता है तो इसकी सारी जिम्मेदारी झारखंड सरकार की होगी और उसके बाद हम सभी भी रिम्स में फांसी लगा कर जान दे देंगे।

वहीं मरीज की ऐसी गंभीर स्थिति की जानकारी होने पर जमशेदपुर के पूर्व सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ अजय कुमार ने भी कल देर शाम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से बेहतर इलाज हेतु हर संभव मदद मुहैया कराने का अनुरोध किया है।
एक ओर जहां मरीज आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण इस गंभीर बीमारी का इलाज कराने में अक्षम हैं और सरकार पर पूरी तरह से निर्भर हैं तो वही राज्य सरकार फंड का रोना रो रही। अब देखिए राज्य के मुखिया का दिल पसीजता है कि नही? या सिर्फ फंड माननीय लोगों के इलाज के लिए ही कोष में जमा कर रखा गया है। आशा करते है कोई रहनुमा इस महिला के इलाज के लिए आगे आएगा और वो इस बीमारी से ठीक हो पाएगी।

Jharkhand Aaj Kal

Recent Posts

गीता का कालातीत ज्ञान (गीता जयन्ती पर विशेष)

भारत के बच्चों ने अपने बचपन में जितनी भी कहानियां सुनी हैं, उनमें से महाभारत…

1 month ago

क्रियायोग की सरिता में डुबकी लगाने के लिए प्रोत्साहन (श्री श्री लाहिड़ी महाशय की 196वीं जयंती पर विशेष)

“पौराणिक कथाओं में जिस प्रकार गंगा ने स्वर्ग से पृथ्वी पर उतरकर अपने तृषातुर भक्त…

4 months ago

बजट पर किया कटाक्ष, तो पूर्व भाजपा नेता कुणाल षाड़ंगी को लोग कहने लगे भला बुरा, फिर कुणाल ने दिया करारा जवाब

आज केंद्रीय बजट को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया। जिसमें मिडिल क्लास को…

6 months ago

एक ज्ञानावतार का हृदय(श्री श्री स्वामी श्रीयुक्तेश्वर गिरि जी का 169वां आविर्भाव दिवस)

“मैं तुम्हें अपना अशर्त प्रेम प्रदान करता हूँ,” अपने निर्मल प्रेम के इस शाश्वत वचन…

8 months ago

ढुलू महतो अब लड़ेंगे लोकसभा चुनाव, धनबाद से बने भाजपा के उम्मीदवार

बाघमारा के भाजपा विधायक, कोयलांचल के युवाओं के चहेते, गरीबों की आवाज के नाम से…

10 months ago