झारखंड के इस्लामीकरण की हो गई शुरुआत, सभी 24 जिले में उर्दू को मान्यता देकर भाषा तुष्टिकरण की राजनीति कर रही हेमंत सरकार :- अभिषेक सिंह

धनबाद : भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेता अभिषेक सिंह ने आज प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि धर्म के बाद अब भाषा की तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे है मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन। अभिषेक ने आंदोलन में शामिल सभी लोगों को बधाई देते हुए कहा कि झारखण्ड का इस्लामीकरण की शुरुआत हो चूका है, उर्दू को सभी 24 जिलों में मान्यता मिल गई जबकि जहां आधी आबादी भोजपुरी-मगही और अंग्गिका बोलती है, वहां कुछ लोगों के प्रदर्शन के कारण आम जनता से छलावा कर इन भाषाओं को क्षेत्रीय भाषा की मान्यता से हटा दिया गया है और तुष्टिकरण की राजनीति के तहत उर्दू को सभी जिले में मान्यता मिल गई है। उन्होंने झामुमो और कांग्रेस सरकार से यह मांग की गई कि झारखंड के आधे आबादी के लोगों की भावनाओं को देखते हुए इस मामले पर जरूर पुर्नविचार करें और धर्म की तुष्टिकरण की राजनीति नहीं करे, भाषा आंदोलन को जान बूझकर तैयार किया गया जिससे सालों से शांति से रह रहे सभी भाषाओं के लोगों को आपस मे लड़ाया जाए और उर्दू को फायदा पहुंचाया जाए। भोजपुरी,मगही,मैथिली और अंगिका भाषी लोग जो जन्म से धनबाद बोकारो में रह रहे हैं, उनके भविष्य के बारे में सोचे क्योंकि ना तो अब उन्हें बिहार यूपी में रोजगार मिलेगा और ना ही अब उन्हें झारखंड में रोजगार मिलेगा, उनके बच्चे आखिर नौकरी करने कहां जाएंगे? उसमें भी बहुत लोग अत्यंत गरीब परिवार से आते हैं या निम्न मध्यम वर्ग परिवार से आते हैं एवं पीढ़ियों से यहां रहकर मजदूरी या छोटे मोटे व्यवसाय कर अपना जीवनयापन कर रहे हैं, उनके बच्चे क्षेत्रीय भाषा के नाम पर लगातार प्रतियोगी परीक्षाओं से वंचित कर दिए जाएंगे, ऐसे में समाज का समुचित विकास नहीं हो पा रहा है और एक वर्ग पिछड़ता चला जा रहा है. जो झारखंड में वर्षों से बसे हुए उन्हें भी नौकरियों में समुचित अवसर मिलना चाहिए, और उनकी भाषाओं को भी मान्यता मिलनी चाहिए. भाषा के नाम पर बेवजह की बातें कर के लड़ाने का प्रयास नहीं होनी चाहिए। भोजपुरी-मगही और अंग्गिका बोलने वालों का भी झारखंड बराबर का है। इसके विकास में हमारे भी निरन्तर योगदान रहा है। भाजयुमो नेता ने झारखंड के सभी जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया है की वोट बैंक की राजनीति से हटकर झारखंड के भोजपुरी-मगही और अंग्गिका भाषी लोगों की भावनाओं को समझे तथा उर्दू भाषा से यह तुष्टिकरण की राजनीति का विरोध करें ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

आप पसंद करेंगे