सहायक पुलिसकर्मियों की मांगों को लेकर प्रदेश भाजपा प्रतिनिधिमंडल मिला राज्यपाल से, ज्ञापन सौंपकर हस्तक्षेप का किया आग्रह

रांची : प्रदेश भाजपा के 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष एवम सांसद दीपक प्रकाश के नेतृत्व में आज शाम राजभवन जाकर महामहिम राज्यपाल से मुलाकात की एवम ज्ञापन सौंपा।

प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के साथ नेता विधायकदल एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू,डॉ प्रदीप वर्मा,बालमुकुन्द सहाय एवम प्रदेश मंत्री सुबोध सिंह गुड्डू शामिल थे।

ज्ञापन सौंपते हुए प्रदेश अध्यक्ष एवम सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि राज्य भर के 2500 सहायक पुलिसकर्मी (महिला /पुरुष) विगत दिनों से मोरहाबादी खुले मैदान में तपती धूप एवम बरसात को झेलते हुए अपने छोटे छोटे बच्चों के साथ धरने पर बैठे हैं। ये सभी झारखंड के आदिवासी मूलवासी नौजवान युवक/युवतियां हैं जिनकी नियुक्ति संविदा के आधार पर वर्ष 2017 में दस हजार रुपये के एकमुश्त मानदेय के साथ विगत राज्य सरकार में नक्सल प्रभावित जिलों में नक्सलियों से लड़ने केलिये की गई थी।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इन जवानों ने 4 वर्षों से लगातार नक्सल क्षेत्र के अतिरिक्त विधि व्यवस्था, ट्रैफिक,श्रावणी मेला,विभिन्न सरकारी कार्यालयों की व्यवस्था संभालने में भी अपनी सेवाएं दी है।
इन सहायक पुलिसकर्मियों ने कोविड 19 के खिलाफ लड़ाई में भी अपना भरपूर योगदान दिया है।

कहा कि अपनी सेवा शर्तों एवम निर्धारित नियमावली के अनुरूप आज ये पुलिस कर्मी अपने नियमतिकरण की मांग कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि विगत वर्ष भी वर्तमान राज्य सरकार द्वारा इन्हें ड्यूटी से हटाने की कार्रवाई की गई थी जिसके खिलाफ ये इसी प्रकार धरने पर बैठे थे, और सरकार द्वारा ठोस आश्वासन के बाद धरना समाप्त हुआ था।

प्रकाश ने कहा कि दुर्भाग्य जनक स्थिति यह है कि राज्य सरकार संवादहीन और संवेदनाहीन सरकार बन गई है। यह सरकार जनमुद्दों पर बातचीत भी करने से कतरा रही है।
पानी,बिजली,शौचालय के अभाव में जिस प्रकार से महिलाएं खुले मैदान में कष्ट उठा रही है, और सरकार मूकदर्शक बनी है इससे स्पष्ट है कि इस सरकार की संवेदना मर चुकी है।

कहा कि व्रत त्योहार के मौके सौभाग्य से मिलते है। आज ये पुलिसकर्मी जितिया,नवरात्रि जैसे पर्व कष्टों का सहन करते हुए खुले मैदान में मना रहे।

मुख्यमंत्री के ऊपर तंज कसते हुए प्रकाश ने कहा कि मुख्यमंत्री को आज देश का इतिहास पढ़ने की चिंता है परंतु जिसकी चिंता करने केलिये जनता ने अवसर दिया उसकी चिंता नही है।

उन्होंने कहा कि जब राज्य सरकार लोकलाज विहीन हो जाये,शासन प्रशासन को अपनी जिम्मेवारी का अहसास नही हो, ऐसी स्थिति में राज्य के संवैधानिक प्रमुख के नाते महामहिम का हस्तक्षेप आवश्यक है।

उन्होंने महामहिम से सहायक पुलिसकर्मियों की समस्याओं पर राज्य सरकार को निर्देशित करने की मांग की ।
साथ ही कहा कि राज्य सरकार अविलंब धरना पर बैठे सहायक पुलिसकर्मियों से संवाद स्थापित कर इनकी समस्याओं का समाधान करे।

Jharkhand Aaj Kal

Share
Published by
Jharkhand Aaj Kal

Recent Posts

क्रियायोग की सरिता में डुबकी लगाने के लिए प्रोत्साहन (श्री श्री लाहिड़ी महाशय की 196वीं जयंती पर विशेष)

“पौराणिक कथाओं में जिस प्रकार गंगा ने स्वर्ग से पृथ्वी पर उतरकर अपने तृषातुर भक्त…

2 months ago

बजट पर किया कटाक्ष, तो पूर्व भाजपा नेता कुणाल षाड़ंगी को लोग कहने लगे भला बुरा, फिर कुणाल ने दिया करारा जवाब

आज केंद्रीय बजट को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया। जिसमें मिडिल क्लास को…

4 months ago

एक ज्ञानावतार का हृदय(श्री श्री स्वामी श्रीयुक्तेश्वर गिरि जी का 169वां आविर्भाव दिवस)

“मैं तुम्हें अपना अशर्त प्रेम प्रदान करता हूँ,” अपने निर्मल प्रेम के इस शाश्वत वचन…

7 months ago

ढुलू महतो अब लड़ेंगे लोकसभा चुनाव, धनबाद से बने भाजपा के उम्मीदवार

बाघमारा के भाजपा विधायक, कोयलांचल के युवाओं के चहेते, गरीबों की आवाज के नाम से…

8 months ago

दो महान् सन्तों श्री श्री परमहंस योगानन्द और स्वामी श्री युक्तेश्वरजी के महासमाधि दिवस पर विशेष

सहस्राब्दियों से भारतवर्ष की पवित्र भूमि को अनेक महान् दिव्य आत्माओं के चरणों के स्पर्श…

9 months ago