रांचीः मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने झारखण्ड के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करने के साथ ही फेसबुक और ट्वीटर को जनभागीदारी का सशक्त जरिया बनाया है। वे संक्रमण का कालखंड हो या कोई समय, मुख्यमंत्री आपकी है सरकार, साझा करें सरोकार के मंत्र को त्वरित समस्या समाधान का तंत्र बना कर चल रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर हर जरूरतमंद तक मदद पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री अधिकारियों को निर्देश देते रहें हैं, जिसका सीधा लाभ झारखण्ड की जनता को मिला है। 2020 के संक्रमण के दौर में तो मुख्यमंत्री ने ट्वीटर के जरिये सबसे अधिक प्रवासी श्रमिकों और छात्रों को मदद पहुंचाई। संक्रमण की दूसरी लहर में भी मुख्यमंत्री इस माध्यम के जरिये लोगों तक मदद पहुंचाने में संजीदा रहे।
लॉक डाउन को लेकर मांगा सुझाव
मुख्यमंत्री ने कोरोना की दूसरी लहर में अनलॉक 1 को लेकर राज्यवासियों से सुझाव मांगा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह में आपके दिए सहयोग से हमने कोरोना की दूसरे लहर पर क़ाबू पा लिया है। जीवन और जीविका के इस संघर्ष में अब हमारा ध्यान जीविका पर है। अब आप बताएं कैसी होनी चाहिए अनलॉक 1 की प्रक्रिया। इसके बाद से लगातार लोगों के सुझाव आने शुरू हो गए।
छात्रों की मनःस्थिति को जाना
मुख्यमंत्री ने फेसबुक और ट्वीटर के जरिये सीबीएसई बोर्ड परीक्षा को लेकर छात्रों और अभिभावकों की राय मांगी। मुख्यमंत्री ने जानना चाहा कि संक्रमण के दौरान परीक्षा आयोजित की जाये या नहीं। इस पर राज्यवासियों की बहुत प्रतिक्रिया आईं। उसके आधार पर ही मुख्यमंत्री ने केंद्रीय रक्षा मंत्री, केंद्रीय शिक्षा मंत्री के साथ आयोजित बैठक में अपनी बातों को रखा।
परिजनों को दिलवाया पार्थिव शरीर
मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि राज अस्पताल में एक मरीज की मृत्यु के बाद बकाया बिल का भुगतान नहीं करने पर अस्पताल प्रबंधन मृतक के परिजनों को पार्थिव शरीर नहीं दे रहा है। इसपर मुख्यमंत्री ने गंभीरता दिखाते हुए परिजनों को शव सौंपने का निर्देश दिया।
सुकांति की आंखें बच गईं
गुमला की सुकांति मिंज की आंख के पास घाव हो गया था, जो कैंसर का रूप लेने लगा था। जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री ने उपायुक्त गुमला को सुकांति के इलाज के लिए जरूरी व्यवस्था करने का आदेश दिया।
इलाज और शुद्ध पानी उपलब्ध कराने का निर्देश
मुख्यमंत्री को बाघमारा के फतेहपुरा निवासी नीरज कुमार झा के गंभीर रूप से बीमार होने की जानकारी दी गई। संक्रमण काल में पीड़ित के परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। डॉक्टरों ने किडनी ट्रांसप्लांट के लिए कहा था। परिजनों के पास इतने पैसे नहीं थे कि वे किडनी ट्रांसप्लांट करा सके। जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने नीरज के इलाज के लिए सहायता करने का निर्देश दिया। ऐसे ही रांची के बेड़ो स्थित सेरो गांव के लोग दूषित पानी पीने पर विवश थे, इससे गांव में बीमारियां फैल रही थीं। मुख्यमंत्री ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए गांव में पीने के पानी की उचित व्यवस्था करने को कहा।
इस तरह के अनेक उदाहरण हैं, जब मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म का उपयोग दूत के रूप में कर आम लोगों को राहत दी। फिर वो ऑक्सीजन बेड उपलब्ध कराने की बात हो या गंभीर स्थिति से जूझ रहे मरीजों को मदद पहुंचाने की। मुख्यमंत्री संवेदनशीलता दिखाते हुए राज्य की जनता के सुख दुःख में हमेशा खड़े रहे।
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