क्या आप जानते है कि पान मसाला बार-बार खाने की इच्छा इसके सेवन करने वालों को क्यों होती है?

राज्य सरकार ने एक साल के लिए ग्यारह पान मसालों पर बैन को बढ़ा दिया है। कागजी तौर पर पूर्ण प्रतिबंध है, पर हर गली, मुहल्ले के पान गुमटियों में ये आसानी से मिल जाते है।इसका मतलब है कि इन उत्पादों का चोरी छिपे आना और बिकना जारी है। एक बार हाईकोर्ट ने भी टिप्पणी की थी इस पर, याद होगा आपको।

प्रतिबंध होने के बावजूद लोगों को आसानी से पान मसाले और अन्य तंबाकू के उत्पाद मिल जा रहे हैं सरकार सिर्फ कागजी कार्रवाई और कुछ नियम कानून तय कर देती है पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है।

युवा वर्ग खास तौर पर पान मसाले और तंबाकू के उत्पाद ज्यादा उपभोग कर रहे हैं, पर वह नहीं जानते इन सुपारी और मसालों के साथ वे रासायनिक पदार्थ भी सेवन कर रहे हैं जो उनके शरीर के लिए बहुत ही हानिकारक है। वे एक खाने के बाद तुरंत दूसरे पान मसाले की पुड़िया फाड़ कर मुंह में दबा लेते हैं जानते हैं क्यों? इसका कारण है मैग्निशियम कार्बोनेट इसी रासायनिक पदार्थ के मिले होने के कारण पान मसाला बार-बार खाने की इच्छा होती है। इसे पान मसाले में नशे के अलावा नमी से बचाने के लिए मिलाया जाता है इसके दो चार बार सेवन करने के बाद इसे बार-बार खाने की इच्छा जागृत हो जाती है डॉक्टरों के मुताबिक यह रसायन एक तरह का जहर है कैंसर के अलावा इसकी मात्रा खून में बढ़ने से ह्रदय गति रुकने की भी आशंका बढ़ जाती है।

झारखंड में फिलहाल करीब 39% लोग तंबाकू का सेवन किसी न किसी रूप में कर रहे हैं, जिसमें चबाने वाले तंबाकू सेवन करने वालों का प्रतिशत 35 % है जो राष्ट्रीय औसत से बहुत ज्यादा है। अतः सरकार को इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है और प्रतिबंध को सही तरीके से लागू करने की जरूरत है ताकि पान मसाला/ तंबाकू के सेवन करने वालों की कमी हो और लोग असाध्य बीमारियों के चंगुल में ना आए।

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